Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2024 · 1 min read

*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*

जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही
*********************************

यारों – दोस्तों ने महफिल सजा दी यार की,
रंग-बिरंगी होली सी बरसा दी है प्यार की।

चारों-दिशाओं दुआओं की बारिश बरसाई,
हम को जरूरत नही किसी भी उपहार की।

जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही,
खोज रहती है मौज-मस्ती भरे परिवार की।

रहमत से ही सलामत हैँ खुशियों भरी बहारें,
नूर-ए-नजर बरसती रहे खुदा के दीदार की।

मनसीरत मन में मचलती मीन सी इच्छाएँ,
नजरों से नजरें मिलती रहें यूँ दिलदार की।
*********************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

********************************

78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शतरंज
शतरंज
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
छप्पन भोग
छप्पन भोग
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
आपका भविष्य आपके वर्तमान पर निर्भर करता है, क्योंकि जब आप वर
Ravikesh Jha
गरीबी
गरीबी
Neeraj Agarwal
सुनो, मैं सपने देख रहा हूँ
सुनो, मैं सपने देख रहा हूँ
Jitendra kumar
नेता जी
नेता जी
surenderpal vaidya
"दुआ"
Dr. Kishan tandon kranti
ईश्वर कहो या खुदा
ईश्वर कहो या खुदा
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
3461🌷 *पूर्णिका* 🌷
3461🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
Ajit Kumar "Karn"
मेरे जीवन में फूल-फूल,
मेरे जीवन में फूल-फूल,
हिमांशु Kulshrestha
नेताजी का पर्यावरण दिवस आयोजन
नेताजी का पर्यावरण दिवस आयोजन
Dr Mukesh 'Aseemit'
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
विजय कुमार अग्रवाल
"गमलों में पौधे लगाते हैं,पेड़ नहीं".…. पौधों को हमेशा अतिरि
पूर्वार्थ
Go Ahead and Touch the Sky
Go Ahead and Touch the Sky
VINOD CHAUHAN
चढ़ते सूरज को सभी,
चढ़ते सूरज को सभी,
sushil sarna
श्री राधा मोहन चतुर्वेदी
श्री राधा मोहन चतुर्वेदी
Ravi Prakash
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
किसी ने चोट खाई, कोई टूटा, कोई बिखर गया
Manoj Mahato
मौसम....
मौसम....
sushil yadav
#विषय:- पुरूषोत्तम राम
#विषय:- पुरूषोत्तम राम
Pratibha Pandey
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
माया फील गुड की [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
हाइकु - 1
हाइकु - 1
Sandeep Pande
आज़ाद भारत एक ऐसा जुमला है
आज़ाद भारत एक ऐसा जुमला है
SURYA PRAKASH SHARMA
प्यासा के भोजपुरी ग़ज़ल
प्यासा के भोजपुरी ग़ज़ल
Vijay kumar Pandey
अनुभूति...
अनुभूति...
ओंकार मिश्र
मुकादमा चल रहा है अब मेरा
मुकादमा चल रहा है अब मेरा
shabina. Naaz
🙅आम चुनाव🙅
🙅आम चुनाव🙅
*प्रणय*
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
इक उम्र चुरा लेते हैं हम ज़िंदगी जीते हुए,
इक उम्र चुरा लेते हैं हम ज़िंदगी जीते हुए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...