“जन्माष्टमी”
किशनकन्हैया, नन्दलाल,
राधा प्रीये,मीरा के नाथ।
सुनो अर्ज़ ,कृपा करो,हे कृपा निधान।
दुध,दही, मक्खन भारी मटकी,
फूलों के हार।
आप सभी को मुबारक हों,
जन्माष्टमी का त्योहार।
किशनकन्हैया, नन्दलाल,
राधा प्रीये,मीरा के नाथ।
सुनो अर्ज़ ,कृपा करो,हे कृपा निधान।
दुध,दही, मक्खन भारी मटकी,
फूलों के हार।
आप सभी को मुबारक हों,
जन्माष्टमी का त्योहार।