जन्माष्टमी गीत
जय कन्हैया लाल की लड्डू गोपाल की
नन्द के लाल की आनन्दघन श्याम की, जय कन्हैया….
अवतार लिए कान्हा
अंधियारी रात में
भादों महीना बरखा घनघोर में
अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में
देवकी के अष्टम पुत्र स्वरूप की
कंस के काल की जय कन्हैया लाल की
जय हो नन्दलाल की आनन्दघन श्याम की .. जय कन्हैया…
जन्म हुआ खुल गयीं बेड़ियाँ
माता पिता सुख पाए
पूरी मथुरा में प्रभु ने
फिर माया जाल बिछाए
खुल गए सारे द्वार जेल के
और पहरेदार सुलाये
जय हो मायापती के माया प्रभाव की
जय हो नन्दलाल की आनन्दघन श्याम की ..जय कन्हैया..
सर पे उठा कर उनको चले हैं
जिन पर है सारी सृष्टि का भार
शेषनाग ने छाया करी और यमुना ने मार्ग दिया
गोकुल में नन्दघर पहुंचे वसुदेवजी
लाला को बाला से बदला
नन्द घर बाजे बधाई जनम की
जय हो नन्द लाल की आनन्दघन श्याम की… जय कन्हैया….
हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की
लड्डू गोपाल की मुरलीधर श्याम की।
आओ आओ झूमो गाओ जम के उत्सव मनाओ।
!!!!!!! जय श्री कृष्ण!!!!!! जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं!!!!!!