जन्नत
चिंतन ऐसा हो ,जिससे आपका वंदन हो ।
काम ऐसा हो जिससे बंद जन क्रंदन हो ..।
जन की पीड़ा को एकबार समझ कर तो देखिये ।
दीन दुखियों को अपना बनाकर तो देखिये ।
है कही अगर जन्नत तो पाएंगे उनमें ,
है कही अगर इश्वर तो दिख जायेगा उनमे।।
चिंतन ऐसा हो ,जिससे आपका वंदन हो ।
काम ऐसा हो जिससे बंद जन क्रंदन हो ..।
जन की पीड़ा को एकबार समझ कर तो देखिये ।
दीन दुखियों को अपना बनाकर तो देखिये ।
है कही अगर जन्नत तो पाएंगे उनमें ,
है कही अगर इश्वर तो दिख जायेगा उनमे।।