जनसंख्या नियंत्रण के सख्त कानुन की लगातार बढ़ रही है मांग |
यू तो जनसंख्या नियंत्रण कानुन की मांग बहुत पुरानी है मगर 2019 में मोदी सरकार के फिर से केन्द्र में आने के बाद से यह मांग और बलवती होती जा रही है | इस मुद्दे पर ज्यादा बात करने से पहले हम यह समझ लेते हैं कि आखिर इस कानुन की मांग हो क्यों रही है और क्या सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानुन भारत देश के लिए आवश्यक या नही ?
हसे समझने के लिए हमे कुछ तथ्यों को समझना चाहिए पहला यह की 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की आबादी करीब 111 करोड़ थी जो 2011 में बढ़कर 121 करोड़ हो गयी नयी जनगणना रिपोर्ट जो 2021 में आनी थी अब वह कोरोना महामारी के वजह से 2022 में आएगी | एक अंदाजे के अनुसार इस नयी जनगणना रिपोर्ट में भारत की जनसंख्या लगभग 135 से 140 करोड़ हो सकती है | और यह कोई छुपा हुआ तथ्य नही है कि किसी देश में बेरोजगारी , गरीबी , भुखमरी , कुपोषण , अपराध , अशिक्षा जैसी जितनी भी समस्याएं होती है वह उस देश की लगातार बढ़ती जनसंख्या की ही देन होती हैं | यही वजह है कि दुनिया की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश चीन ने अपने देश में एक बच्चा नीति सख्ती से लागु कर रखी है जबकी चीन एक विकसित अर्थव्यवस्था है और भारत तो लगातार जनसंख्या विस्फोट झेल रहा है तो भारत जैसी विकासशिल अर्थव्यवस्था वाले देश के लिए अपनी जनसंख्या बृद्धी को काबु करना बहुत आवश्यक हो जाता है |
यहां देश और जनसंख्या को क्षेत्रफल के हिसाब से भी देखने की जरुरत है जिससे किसी देश का जनसंख्या घनत्व तय किया जाता है | अगर हम दुनिया के सबसे विकसित अर्थव्यवस्था संयुक्त राज्य अमेरिका की बात करें तो वह दुनिया का चौथा सबसे बडा़ देस है और उनकी जनसंख्या मात्र 33 करोड़ के करिब है वही दुनिया के सबसे बडे़ देश रुस की जनसंख्या मात्र 15 करोड़ के करीब है कनाडा़ जो दुनिया का दुसरा सबसे बडा़ देश है वहा कि जनसंख्या केवल 4 करोड़ के आस पास है | यहां हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह सारे देश विकसित रास्ट्र है |
इन सभी तुलनाओं से यह स्पस्ट हो जाता है कि भारत को एक सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानुन की कितनी आवश्यक्ता है | ऐसा नही है कि पिछली केन्द्र सरकारों ने इसके लिए प्रयास नहीं किया , प्रयास किए गए मगर वह उतने प्रभावी नही रहे जितने की होने चाहिए थे मगर जब से मोदी सरकार ने बडे़ फैसले करने शुरु किए जैसे तिन तलाक को रोकने वाला कानुन , धारा 370 को हटाना , नागरिक्ता संसोधन बिल हो आदि तो लोगों को लगने लगा है की इस सरकार में बडे़ और कडे़ फैसले करने की हिम्मत भी है और मंसा भी है यही वजह है कि जनसंख्या नियंत्रण कानुन को लेकर लोगों कि उम्मीदें इस सरकार से बढ़ गई है |