जनवादी गीत
दीवाली केहू कइसे
मनाई नेता जी
छुएला आसमान
महंगाई नेता जी…
(१)
मजदूरा पर पुलिस के
लाठी जवन गिरल
मरते दम ले ऊना
भुलाई नेता जी…
(२)
ये मंदिर-मस्जिद के
राजनीति के पीछे
छिपल बाटे राउर
चतुराई नेता जी…
(३)
शिक्षा अउरी नौकरी से
दूर करके
नौजवानन के बनवनी
दंगाई नेता जी…
(४)
शमसान में मूरदन के
लाइन लागल बा
रोगियन के मिले ना
दवाई नेता जी…
(५)
फुटहीं वाला बा हमरा
सब्र के घड़ा
अब अउरी जुल्म ना
सहाई नेता जी…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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