Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2022 · 1 min read

जननी

हे जननी जन्मभूमि तू स्वर्ग से भी महान है,
पूत या कपूत हों पर,सब तेरे ही संतान हैं।
चाह हृदय में लिए हुए,नित तेरा ही गुण गाऊं,
जीवन के अंतिम क्षण में,अंक तेरा ही पाऊं।।

?????
रचना- पूर्णतः मौलिक एवं स्वरचित
निकेश कुमार ठाकुर
गृहजिला- सुपौल
संप्रति- कटिहार (बिहार)
सं०-9534148597

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 270 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
न्याय होता है
न्याय होता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आत्महत्या
आत्महत्या
Harminder Kaur
पंचायती राज दिवस
पंचायती राज दिवस
Bodhisatva kastooriya
लेखन
लेखन
Sanjay ' शून्य'
पुस्तक समीक्षा
पुस्तक समीक्षा
Ravi Prakash
क्या हूनर क्या  गजब अदाकारी है ।
क्या हूनर क्या गजब अदाकारी है ।
Ashwini sharma
पितृ दिवस
पितृ दिवस
Dr.Pratibha Prakash
आईना हो सामने फिर चेहरा छुपाऊं कैसे,
आईना हो सामने फिर चेहरा छुपाऊं कैसे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन का कठिन चरण
जीवन का कठिन चरण
पूर्वार्थ
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मिथिलाक बेटी
मिथिलाक बेटी
श्रीहर्ष आचार्य
रूहानी इश्क
रूहानी इश्क
ओनिका सेतिया 'अनु '
सड़क सुरक्षा दोहे
सड़क सुरक्षा दोहे
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं...
कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं...
Priya Maithil
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
Atul "Krishn"
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
करो सम्मान पत्नी का खफा संसार हो जाए
VINOD CHAUHAN
गले से लगा ले मुझे प्यार से
गले से लगा ले मुझे प्यार से
Basant Bhagawan Roy
बुझ गयी
बुझ गयी
sushil sarna
*वो मेरी मांँ है*
*वो मेरी मांँ है*
Dushyant Kumar
दीवाली जी शाम
दीवाली जी शाम
RAMESH SHARMA
3309.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3309.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
Neelam Sharma
कामना-ऐ-इश्क़...!!
कामना-ऐ-इश्क़...!!
Ravi Betulwala
*दीवाली मनाएंगे*
*दीवाली मनाएंगे*
Seema gupta,Alwar
■ कब तक, क्या-क्या बदलोगे...?
■ कब तक, क्या-क्या बदलोगे...?
*प्रणय*
(कृपाणघनाक्षरी ) पुलिस और नेता
(कृपाणघनाक्षरी ) पुलिस और नेता
guru saxena
हिंदी काव्य के छंद
हिंदी काव्य के छंद
मधुसूदन गौतम
(1ग़ज़ल) बंजर पड़ी हैं धरती देखें सभी नदी को
(1ग़ज़ल) बंजर पड़ी हैं धरती देखें सभी नदी को
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
Loading...