Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Apr 2021 · 2 min read

जनता का मार्ग दर्शक।

अब आने वाले समय में लोकतंत्र स्वरुप कैसा होगा? यह बताना जरा मुश्किल सा लग रहा है। क्योंकि आज के युवा वर्ग का ध्यान सिर्फ नौकरी ढूंढने में ही लगा रहता है।
उसकी सोच में ऐश आराम की योजना बनी रहती है। लेकिन इस गलत व्यवस्था, और लोकतंत्र का निति गत ढांचा को बदलने की कभी वह सोचता ही नही है।वह भी अपनी जिंदगी से भर जाता है। और भीड़ में कहीं गुम हो जाता है। सिर्फ! एक भीड़ का हिस्सा बन कर रह जाता है।आज हमें लोकतंत्र को सही दिशा प्रदान करने के लिए डॉ आंबेडकर, महत्मा गांधी जैसे महापुरुषों की जरूरत है।अब हमें समाज के बीच से ही ऐसे ही महापुरुषों की तलाश करना होगी।हम अनजाने में वीर और महापुरुषों को खोते जा रहे हैं। क्योंकि हम इन्हें पहचान ने से इन्कार कर रहे हैं। और उन भृषटाचारियो को प्राथमिकता दें रहें हैं।जो देश और जनता को कुछ नहीं दे सकते है।ये लोग सिर्फ पैसा कमाने के लिए राजनैतिक हथकंडा अपनाते हैं। अभी भी इस देश की जनता को सही मार्गदर्शक की जरूरत है। नेता जिस रास्ते से राजनिति करते आ रहे हैं।उस रास्ते को बदलने की जरूरत है।हम खुश तभी यह सकते हैं।जब देश की जनता सौ प्रतिशत लोकतंत्र का फायदा उठाने में कामयाबी हासिल कर लें।आज जो स्थिति निर्मित हुई है।आज जितनी भी आवाजें सुनाई दे रही है।वे सब गूंगे जैसी है।अधमरे,वाली है, स्पष्ट कोई बोलने को तैयार ही नही है। आखिर लोगों की हिम्मत दम तोड़ चुकीं हैं।सारे के सारे उन शातिर लोगों के पीछे पीछे चल रहें हैं।बताओ लोकतंत्र की स्थापना कैसे होगी।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
..
..
*प्रणय*
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कहानी मंत्र कि समीक्षा
कहानी मंत्र कि समीक्षा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
संवेदना की आस
संवेदना की आस
Ritu Asooja
मन, तुम्हें समझना होगा
मन, तुम्हें समझना होगा
Seema gupta,Alwar
DR Arun Kumar shastri
DR Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
जरूरी नहीं जिसका चेहरा खूबसूरत हो
Ranjeet kumar patre
कशमें मेरे नाम की।
कशमें मेरे नाम की।
Diwakar Mahto
जिस यात्रा का चुनाव
जिस यात्रा का चुनाव
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
तन को सुंदर ना कर मन को सुंदर कर ले 【Bhajan】
Khaimsingh Saini
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
Harminder Kaur
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
Anand Kumar
न लिखना जानूँ...
न लिखना जानूँ...
Satish Srijan
हम भारत के रहने वाले, हमारा भारत महान है।
हम भारत के रहने वाले, हमारा भारत महान है।
जय लगन कुमार हैप्पी
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
आशुतोष शंकर अविनाशी, तुम पर जग बलिहारी
Dr Archana Gupta
बुरा नहीं देखेंगे
बुरा नहीं देखेंगे
Sonam Puneet Dubey
चराचर के स्वामी मेरे राम हैं,
चराचर के स्वामी मेरे राम हैं,
Anamika Tiwari 'annpurna '
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
बिलकुल सच है, व्यस्तता एक भ्रम है, दोस्त,
पूर्वार्थ
वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर,
वक्त रुकता नहीं कभी भी ठहरकर,
manjula chauhan
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ
Buddha Prakash
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
*पारस-मणि की चाह नहीं प्रभु, तुमको कैसे पाऊॅं (गीत)*
*पारस-मणि की चाह नहीं प्रभु, तुमको कैसे पाऊॅं (गीत)*
Ravi Prakash
कितना छुपाऊँ, कितना लिखूँ
कितना छुपाऊँ, कितना लिखूँ
Dr. Kishan tandon kranti
आया है प्रवेशोत्सव
आया है प्रवेशोत्सव
gurudeenverma198
*📌 पिन सारे कागज़ को*
*📌 पिन सारे कागज़ को*
Santosh Shrivastava
*यादें कोमल ह्रदय को चीरती*
*यादें कोमल ह्रदय को चीरती*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
4716.*पूर्णिका*
4716.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम्हारे सॅंग गुजर जाते तो ये अच्छा हुआ होता।
तुम्हारे सॅंग गुजर जाते तो ये अच्छा हुआ होता।
सत्य कुमार प्रेमी
लोकतंत्र का महापर्व
लोकतंत्र का महापर्व
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
Loading...