जनता का मार्ग दर्शक।
अब आने वाले समय में लोकतंत्र स्वरुप कैसा होगा? यह बताना जरा मुश्किल सा लग रहा है। क्योंकि आज के युवा वर्ग का ध्यान सिर्फ नौकरी ढूंढने में ही लगा रहता है।
उसकी सोच में ऐश आराम की योजना बनी रहती है। लेकिन इस गलत व्यवस्था, और लोकतंत्र का निति गत ढांचा को बदलने की कभी वह सोचता ही नही है।वह भी अपनी जिंदगी से भर जाता है। और भीड़ में कहीं गुम हो जाता है। सिर्फ! एक भीड़ का हिस्सा बन कर रह जाता है।आज हमें लोकतंत्र को सही दिशा प्रदान करने के लिए डॉ आंबेडकर, महत्मा गांधी जैसे महापुरुषों की जरूरत है।अब हमें समाज के बीच से ही ऐसे ही महापुरुषों की तलाश करना होगी।हम अनजाने में वीर और महापुरुषों को खोते जा रहे हैं। क्योंकि हम इन्हें पहचान ने से इन्कार कर रहे हैं। और उन भृषटाचारियो को प्राथमिकता दें रहें हैं।जो देश और जनता को कुछ नहीं दे सकते है।ये लोग सिर्फ पैसा कमाने के लिए राजनैतिक हथकंडा अपनाते हैं। अभी भी इस देश की जनता को सही मार्गदर्शक की जरूरत है। नेता जिस रास्ते से राजनिति करते आ रहे हैं।उस रास्ते को बदलने की जरूरत है।हम खुश तभी यह सकते हैं।जब देश की जनता सौ प्रतिशत लोकतंत्र का फायदा उठाने में कामयाबी हासिल कर लें।आज जो स्थिति निर्मित हुई है।आज जितनी भी आवाजें सुनाई दे रही है।वे सब गूंगे जैसी है।अधमरे,वाली है, स्पष्ट कोई बोलने को तैयार ही नही है। आखिर लोगों की हिम्मत दम तोड़ चुकीं हैं।सारे के सारे उन शातिर लोगों के पीछे पीछे चल रहें हैं।बताओ लोकतंत्र की स्थापना कैसे होगी।