जड़ों से कटना
221 122 221 122
जो अपनी जड़ों से इक बार कटा है।
इक न इक दिन वो अवश्य मिटा है।
आजाद ख्यालों के चक्कर में पढ़कर ,
दो चार पल ही फलक तक उड़ा है।
कलम घिसाई
221 122 221 122
जो अपनी जड़ों से इक बार कटा है।
इक न इक दिन वो अवश्य मिटा है।
आजाद ख्यालों के चक्कर में पढ़कर ,
दो चार पल ही फलक तक उड़ा है।
कलम घिसाई