जज्बात लिए
फिरते रहते हैं दिल के अंदर ना जाने कितने
जज्बात लिए।
दिन में अनगिनत उलझन और तनहाई वाली
रात लिए।
एक परेशानी आ जाये तो आवभगत कर सकता
था,
परेशानी आयी भी तो आई , अपने साथ
बारात लिए।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी
फिरते रहते हैं दिल के अंदर ना जाने कितने
जज्बात लिए।
दिन में अनगिनत उलझन और तनहाई वाली
रात लिए।
एक परेशानी आ जाये तो आवभगत कर सकता
था,
परेशानी आयी भी तो आई , अपने साथ
बारात लिए।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी