जज्बात-ए-दिल
अक्सर बहुत से जज्बातों को दिल में ही दफनाना पड़ता है,
ताकि इनकी वजह से कोई परेशानी ना हो,
बीती हुई बातों का हवाला ना दिया जाए,
और गड़े हुए मुर्दों से कोई छेड़खानी ना हो।
अक्सर बहुत से जज्बातों को दिल में ही दफनाना पड़ता है,
ताकि इनकी वजह से कोई परेशानी ना हो,
बीती हुई बातों का हवाला ना दिया जाए,
और गड़े हुए मुर्दों से कोई छेड़खानी ना हो।