जज़्बात
वो चाहतें हैं मैं इश्क कहूं
मैं चाहता हूं वो एहसास करें
समझते हम दोनों हैं फिर
दबे जज़्बातों का क्या करें
Shiv Pratap Lodhi
वो चाहतें हैं मैं इश्क कहूं
मैं चाहता हूं वो एहसास करें
समझते हम दोनों हैं फिर
दबे जज़्बातों का क्या करें
Shiv Pratap Lodhi