जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा
जगन्नाथ भगवान की रथ यात्रा
(१)
जगनाथ जैसा कोई नहीं विष्णु है महान।
रथ यात्रा मना लो, तीर्थ अनोखा धाम।।
(२)
शुद्ध मन से पूजा करें यही हमारा कर्म।
देव धाम की रक्षा करें यही हमारा फर्ज।।
(३)
मानव जीवन हमें मिला करो जी सम्मान।
आस्था का यह स्थल शक्ति का है खान ।।
(४)
मन शांत लगे यहां स्नेह प्रेम का भंडार ।
श्रद्धालुओं की भीड़ यहां पूजे सब संसार।।
(५)
पूरी की सैर करूं होगी एक यात्रा धाम ।
निर्मल सा मन होके करो दिल से सम्मान ।।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
कवि डीजेन्द्र क़ुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बिलाईगढ़,बलौदाबाजार (छ. ग.)
मो. 8120587822