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5 Apr 2024 · 1 min read

जंग

मुस्कुराने की जंग

रोते तो, सब पैदा होते ही है
असली जंग तो मुस्कुराने की है

खाली हाथ आए,खाली हाथ जायेंगे
असली जंग बीच का समय गुजारनें की है

हम कल की चिंता नहीं करते है यारों
जंग तो परसो का वक्त बिताने की है

पैसे से कुछ नहीं होता कहने वालों
जंग तो रोटी के लिए पैसा कमाने की है

हिंदी पर ज्ञान देने वाले बहुत से है यारों
जंग खुद के बच्चों को हिंदी सिखाने की है

चौबीस घंटे सबके बराबर के यारों
जंग उसको सही से बिताने की है

झूठ बोलकर सभी दिल जीत लेते है
जंग सच बोलकर हिम्मत दिखाने की है

ये भी मेरा वो भी मेरा ये तो सब कहते है
मैं हूं किसकी जंग खुद को अपनाने की है

रूठना तो हर किसी को आता है जनाब
जंग तो रुठों को मना,अपना बनाने की है

कोई मदद हो तो बताना सभी कह देते है
जंग तो जरूरत पे साथ निभाने की है
दीपाली अमित कालरा

Language: Hindi
2 Likes · 147 Views

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