जंग
क्यों इंसानियत के दुश्मन बने हुए हो ।
अपने ही हाथों अपनी कब्र खोद रहे हो ।
यह जंग तो किसी मसले का हल नहीं,
तुम नाहक शोलों को हवा दे रहे हो ।
क्यों इंसानियत के दुश्मन बने हुए हो ।
अपने ही हाथों अपनी कब्र खोद रहे हो ।
यह जंग तो किसी मसले का हल नहीं,
तुम नाहक शोलों को हवा दे रहे हो ।