जंगल बियाबान में
जंगल बियाबान में इसे सुनशान में ओर नही कोई सार्थी, इसे टेम जो बर्ने हिमाती’ ना किसी को ओकात है। 11
पानी-पानी रै करते पावै, ओर किसे का ना कुछ भी खावे, जाकै उनकी जान बचाले, पीले तो तू पानी प्यादे ये तेरा पश्चाताप
जा सेवा कर धर्म कमाले ठा उनको छाती कै लाले, ईश्वर के घर देर नहीं है मिलज्या फल अंधेरा यह दुनिया का विश्वास है
बलदेव सिंह मनै होश नहीं है उस ईश्वर का भी दोष नहीं है करणी भरणी आगे आवै कुदरत भी ये खेल खिलावै ना कोरी बकवास है।.
10:06 am