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14 Oct 2024 · 1 min read

“छोटे से गमले में हैं संभलें पौधे ll

“छोटे से गमले में हैं संभलें पौधे ll
कैसे ऊचाई की ओर चलें पौधे ll

हवा-पानी चाहे मिल जाएगा,
लेकिन, कैसे मिट्टी बदलें पौधे ll

हमने मिट्टी को पत्थरों से ढक दिया है,
फिर कैसे मिट्टी से बाहर निकलें पौधे ll

यह गर्मी हमारी बेशर्मी की देन है,
ऐसी नौबत न लाएं कि जलें पौधे ll

प्रदूषण में हम जैसे-तैसे जी रहे हैं,
प्रदूषित हवा में कैसे सांस लें पौधे ll”

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