छोटन-मोटन बात करत हो
छोटन-मोटन बात करत हो
हमरे संग ही घात करत हो
ई जिनगी बा, खेला नाही
काहे शय-ओ-मात करत हो
दिन बोला जब दिन होवे
काहे दिन मा रात करत हो
मानबता भुलिके बबुआ तुम
बेकार जात-पात करत हो
काहे सु:खवा के आंगन मा
दु:ख से दो-दो हात करत हो
•••