छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
हम को भी इश्क , तुम से बेशुमार हुआ है।
तेरी हँसी में छुपी, खुशियों की कश्ती,
तेरी आँखों में बसी, सपनों की बस्ती।
छू कर तेरे दिल को,”ऋतुराज” की ये ज़िन्दगी महकी,
तेरे संग रहकर, हर सुबह नई लगी है।
तेरे बिना ये दिल, खाली खाली सा लगता,
तेरे साथ हो तो, हर पल मेला सा लगता।
छू कर तेरे दिल को, हमने ये जाना,
सच्चा प्यार वही है, जो रहे सदा दीवाना।
हर ग़म को भुलाकर, हर ख़ुशी को पाकर,
तेरे संग जीना, बस यही चाहा हर बार।
छू कर तेरे दिल को, ये एहसास हुआ है,
हम को भी इश्क , तुम से बेशुमार हुआ है…!!!!
ऋतुराज वर्मा