छुट्टी का इतवार( बाल कविता )
छुट्टी का इतवार( बाल कविता )
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सबसे प्यारा सात दिनों में
छुट्टी का इतवार ।।
नींद खुली तो सोते रहते
मम्मी नहीं जगातीं,
बस्ता कॉपी पेन किताबें
आहट नहीं सुनातीं।।
उगते सूरज को मिलने का
कब हमसे अधिकार,
सबसे प्यारा सात दिनों में
छुट्टी का इतवार ।।
सुबह नाश्ता पहले करते
उसके बाद नहाते,
कुछ मत पूछो कभी
नहाने में बारह बज जाते ।।
अपनी मनमर्जी से होते
हम इस दिन तैयार ।।
सबसे प्यारा सात दिनों में
छुट्टी का इतवार ।।
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रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )मोबाइल 99 97 61 545 1