Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2024 · 1 min read

छाऊ मे सभी को खड़ा होना है

छाऊ मे सभी को खड़ा होना है
लेकिन पेड़-पौधे किसी को नहीं लगाने है
-शेखर सिंह

122 Views

You may also like these posts

सच तो यही हैं।
सच तो यही हैं।
Neeraj Agarwal
बाकी है...
बाकी है...
Manisha Wandhare
मौत से डर या अपनों से डर
मौत से डर या अपनों से डर
MEENU SHARMA
🙅अजब-ग़ज़ब🙅
🙅अजब-ग़ज़ब🙅
*प्रणय*
चिड़ियाघर
चिड़ियाघर
Dr Archana Gupta
"तकलीफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
VEDANTA PATEL
"यात्रा पर निकलते समय, उन लोगों से सलाह न लें जिन्होंने कभी
पूर्वार्थ
इंतज़ार ....
इंतज़ार ....
sushil sarna
लेकर सांस उधार
लेकर सांस उधार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
- गमों का दरिया -
- गमों का दरिया -
bharat gehlot
उर्मिल
उर्मिल
Rambali Mishra
कैसे चला जाऊ तुम्हारे रास्ते से ऐ जिंदगी
कैसे चला जाऊ तुम्हारे रास्ते से ऐ जिंदगी
देवराज यादव
वो चिट्ठी
वो चिट्ठी
C S Santoshi
निंदा
निंदा
Dr fauzia Naseem shad
तारा टूटा
तारा टूटा
मनोज कर्ण
बात हद  से बढ़ानी नहीं चाहिए
बात हद से बढ़ानी नहीं चाहिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैथिली
मैथिली
श्रीहर्ष आचार्य
हीरा जनम गंवाएगा
हीरा जनम गंवाएगा
Shekhar Chandra Mitra
कुछ कहमुकरियाँ....
कुछ कहमुकरियाँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
"पेड़ों की छाँव तले"
Anil Kumar Mishra
सिखला दो न पापा
सिखला दो न पापा
Shubham Anand Manmeet
लक्ष्मी-पूजन का अर्थ है- विकारों से मुक्ति
लक्ष्मी-पूजन का अर्थ है- विकारों से मुक्ति
कवि रमेशराज
धड़कन की तरह
धड़कन की तरह
Surinder blackpen
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
तुम नादानं थे वक्त की,
तुम नादानं थे वक्त की,
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
प्रकृति का दर्द
प्रकृति का दर्द
Abhishek Soni
बीवी के अंदर एक मां छुपी होती है,
बीवी के अंदर एक मां छुपी होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बारिश में संग मेरे भीग जाया करो
बारिश में संग मेरे भीग जाया करो
Jyoti Roshni
प्रेम छिपाये ना छिपे
प्रेम छिपाये ना छिपे
शेखर सिंह
Loading...