छवि अति सुंदर
तन मे चीवर,
मन मे शांति,
ज्ञानी बुद्ध है,
छवि अति सुंदर।
अस्त्र – शस्त्र ना,
ना धारण अभूषण,
वैरागी बुद्ध है,
छवि अति सुंदर।
मृदु है वाणी,
उपदेश मे तृप्ति,
मैत्रीय बुद्ध है,
छवि अति सुंदर।
मोहिनी मूरत,
हृदय मे बसी है,
तथागत बुद्ध है,
छवि अति सुंदर।
रचनाकार
बुध्द प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।