Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2023 · 1 min read

छल फरेब की बात, कभी भूले मत करना।

छल फरेब की बात, कभी भूले मत करना।
बनकर प्यारे दोस्त, हमेशा सँग है रहना।
तजकर सारे स्वार्थ, कभी देना मत धोखा।
जीवन में सब कष्ट, हमें मिल जुल है सहना।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १२/१०/२०२३

2 Likes · 1 Comment · 398 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

चौपाई
चौपाई
Sukeshini Budhawne
बीती ताहि बिसार दे
बीती ताहि बिसार दे
Sudhir srivastava
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
Shweta Soni
अपने  में वो मस्त हैं ,दूसरों की परवाह नहीं ,मित्रता में रहक
अपने में वो मस्त हैं ,दूसरों की परवाह नहीं ,मित्रता में रहक
DrLakshman Jha Parimal
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
मंजिल के जितने नजदीक होगें , तकलीफ़ें और चुनौतियां उतनी ज्या
Lokesh Sharma
चांद मुख पे धब्बे क्यों हैं आज तुम्हें बताऊंगी।
चांद मुख पे धब्बे क्यों हैं आज तुम्हें बताऊंगी।
सत्य कुमार प्रेमी
यह देख मेरा मन तड़प उठा ...
यह देख मेरा मन तड़प उठा ...
Sunil Suman
फल और मेवे
फल और मेवे
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*मटकी तोड़ी कान्हा ने, माखन सब में बॅंटवाया (गीत)*
*मटकी तोड़ी कान्हा ने, माखन सब में बॅंटवाया (गीत)*
Ravi Prakash
जय जगन्नाथ भगवान
जय जगन्नाथ भगवान
Neeraj Agarwal
कोहिनूराँचल
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
शुभ
शुभ
*प्रणय*
गणपति बप्पा
गणपति बप्पा
विजय कुमार नामदेव
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
लोकतंत्र की आड़ में तानाशाही ?
Shyam Sundar Subramanian
Interest
Interest
Bidyadhar Mantry
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
मेरे दिल की हर इक वो खुशी बन गई
कृष्णकांत गुर्जर
शायर की मोहब्बत
शायर की मोहब्बत
Madhuyanka Raj
चक्रवृद्धि प्यार में
चक्रवृद्धि प्यार में
Pratibha Pandey
आज की नारी
आज की नारी
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
पहले तेरे पास
पहले तेरे पास
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
जो लोग असफलता से बचते है
जो लोग असफलता से बचते है
पूर्वार्थ
स्वागत !
स्वागत !
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
"नदी की सिसकियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा मुक्तक
दोहा मुक्तक
sushil sarna
4911.*पूर्णिका*
4911.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परमूल्यांकन की न हो
परमूल्यांकन की न हो
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
मीठा गान
मीठा गान
rekha mohan
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
मेरी हर लूट में वो तलबगार था,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
जिदगी का सार
जिदगी का सार
sheema anmol
Loading...