छत वाला प्यार
वो छत पर आती थी बाल सुखाने के बहाने
हुचका ले वो भी आता पतंग उड़ाने के बहाने
बाल झटक गर्दन घुमा कर जब वो देखती
नजर मिलती दोनों की हल्के से मुस्काती
मांझे से उंगली कटती खून बहाने के बहाने
वो छत पर…….
आंखों से आंखें मिली जब तो प्यार हो गया
एक दूजे का दिल छत वाले प्यार में खो गया
बेताबी बढ़ने लगी तो ढूंढ रहे मिलने के बहाने
वो छत पर…….
दोनों छतों की दूरी घटी तो प्यार बढ़ने लगा
छत वाला प्यार सर पर दोनों के चढ़ने लगा
प्यार का हुचका थाम लिया पतंग उड़ाने के बहाने
वो छत पर आती थी बाल सुखाने के बहाने
हुचका ले वो भी आता पतंग उड़ाने के बहाने