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29 Jan 2022 · 1 min read

छत पर बंदर (बाल कविता )

छत पर बंदर (बाल कविता )
#######################
अम्मा जी ने छत पर कपड़े
जाकर ढेर सुखाए ,
तभी वहां पर छह- छह बंदर
खों – खों करते आए।।

डर के मारे अम्मा जी ने
तब आवाज लगाई ,
सुनकर पोती रिआ
दौड़कर लाठी लेकर आई।।

लाठी जब देखी तो बंदर
उछल-उछल कर भागे,
पीछे-पीछे लाठीवाली
बंदर आगे – आगे ।।
*******************************
रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा,
रामपुर (उत्तर प्रदेश) मोबाइल 99976 15451

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