छंद त्राता
जाना सबको है ,रुकेगा कोई कैसे ।
चाहे जितना भी,करें वो खर्चे पैसे ।
आता वह जाता,सुनो है ये सच्चाई ।
सच्ची कहता हूँ , नही झूठी ये भाई ।।
रमेश शर्मा.
जाना सबको है ,रुकेगा कोई कैसे ।
चाहे जितना भी,करें वो खर्चे पैसे ।
आता वह जाता,सुनो है ये सच्चाई ।
सच्ची कहता हूँ , नही झूठी ये भाई ।।
रमेश शर्मा.