छंद चौपाई
याद मुझे बचपन की आई । कहती थी जो चाची ताई ।
चाहे जो भी कहे लुगाई । लड़ना मत आपस मे भाई ।
काम करो हरगिज मत ऐसा। आए घर में खोटा पैसा ।
काम करें जो मिले बड़ाई। इज्जत वाली करें कमाई ।
रमेश शर्मा.
याद मुझे बचपन की आई । कहती थी जो चाची ताई ।
चाहे जो भी कहे लुगाई । लड़ना मत आपस मे भाई ।
काम करो हरगिज मत ऐसा। आए घर में खोटा पैसा ।
काम करें जो मिले बड़ाई। इज्जत वाली करें कमाई ।
रमेश शर्मा.