चौपाई
मन में आज, बसे गिरधारी
रोम रोम में, दिखे मुरारी
मेरा कान्हा, सबसे प्यारा
मुरली वाला, जगत दुलारा
हो नटनागर, तुम कन्हैया
वन-वन में बांसुरी बजैया
मीरा दासी, राधा रानी
दोनों की हैं, प्रेम कहानी
मोर मुकुट, जब सिर पर सोहे
मन मंदिर में, तब अति मोहे