चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत—-
सृजन पंक्ति- मोल नहीं है मात तुम्हारा
तुझ से मिलता मुझे सहारा।
मोल नहीं है मात तुम्हारा ।।
कच्ची मिट्टी सा हो गढ़ती।
अवगुण सारे बाहर करती।।
तनमन तुमने सदा सुधारा ।
मोल नहीं है मात तुम्हारा ।।
तुमसा तो नहिँ होगा कोई ।
दुख में मेरे तुम ही रोई ।।
कैसे जाये कर्ज उतारा ।
मोल नहीं है मात तुम्हारा ।।
हृदय ईश सम तुमने पाया ।
वंदन कर है शीश नवाया ।।
तुम बिन मेरा नहीं गुजारा।
मोल नहीं है मात तुम्हारा ।।
कितनी मुझको चोटें लगती ।
फूंक मार के पीड़ा हरती।।
ममता से है सदा दुलारा ।
मोल नहीं है मात तुम्हारा ।।
सीमा शर्मा ‘अंशु’