चौपाई छंद गीत
शृंगार रस-वियोग*
चोपाई छंद गीत
सृजन शब्द – सिंदूर
तुम्हें कहाँ से लेकर आऊँ ।
कैसे रीती मांग सजाऊँ ।।
कहती विधवा मेरे सजना ।
पाना तुमको दुर्लभ सपना ।।
बिरहा में नित हृदय जलाऊँ ।
कैसे रीती मांग सजाऊँ।।
प्राण तजे सीमा पर तुमने ।
टिका दिए दुश्मन के घुटने ।।
रोती माँ कैसे समझाऊँ ।
कैसे रीती मांग सजाऊँ।।
परमवीर तो तुमने पाया।
मूल्य मांग सिंदूर चुकाया ।।
दुःख मैं अपना किसे बताऊँ।
कैसे रीती मांग सजाऊँ।।
देखे थे क्या हमने सपने।
मुश्किल दिन अब मेरे कटने ।।
छलनी मन कैसे बहलाऊँ ।
कैसे रीती मांग सजाऊँ।।
सीमा शर्मा ‘अंशु’