*** चोर ***
*** चोर ***
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चोर पकड़ने चोर चले और
चोर कहे वो चोर है
चोर के आगे चोर है
चोर के पीछे चोर है
चोर के चोर को देखकर
चोर पड़ा बीच-भोर है
एक चोर चौराहे का
दूजा सत्ता की डोर है
चोर तो फिर भी चोर है ….
••• कलमकार •••
चुन्नू लाल गुप्ता -मऊ(उ.प्र.)