चोर मचावे शोर!
आज हमारे देश में, लोकतंत्र की परिभाषा नई लिखी जा रही है। क्योंकि? हमारे देश के आम नागरिक के पास इतनी भी बुद्धि भी नहीं है कि वह स्वच्छ छवि वाले नेताओं का चयन कर सके! हम सभी नागरिकों की जवाबदारी है कि,सत्य की सरकार बनाई जाये। और लोकसभा में उन्हीं सदस्यों को भेजा जाये जो सत्य और न्याय प्रिय हो । और मानव जीवन की सच्चाई समझते हों। और उनका स्वभाव भी जनता की सेवा के लिए समर्पित होना चाहिए। सभी देशवासियों को यह पहचान भी होना चाहिए कि चोर ही शोर मचा रहा है। पकड़ो , पकड़ो चोर भाग गया! जब कि चोर जनता के सामने खड़ा हुआ है।इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो गई है।अब चोर को कोतवाल भी नहीं पकड़ पा रहे ।हैं।अब हमें पर्दे के पीछे छिपे चोरों की पहचान करना होगी?