चोर चोर मौसरे भाई –आर के रस्तोगी
बुआ बबुआ बन्धन की,गाँठ खुल न जाये
यू पी में कांग्रेस से,वे हाथ मिला न पाये
वे हाथ मिला न पाये,अकेले चुनाव लड़ेंगे
हार जायेंगे चुनाव्,तब वे आपस में लड़ेंगे
कह रस्तोगी कविराय,ये हैं चुनावी धुआँ
ये धुआँ छटते ही,अलग हो जायेगी बुआ
चोर चोर मौसेरे भाई,कहते दूसरो को चोर
चोरी करने के बाद,वे मचाये कितना शोर
वे मचाये कितना शोर,आपस में लड़ते रहते
जब तक चोरी करते,तब तक साथ में रहते
कह रस्तोगी कविराय,वे क्यों करते है शोर
शोर इसलिए करते है,पकड़ में न आये चोर
आर के रस्तोगी