चोरी की कविताएं पढ़कर
चोरी की कविताये पढ़ कर कहलाते हैं बड़े कवी
यदा कदा ही कुछ मौलिक सा लिख पाते हैं बड़े कवी
,
दंद फंद में गुणा भाग में इन्हे महारत हासिल है
इसीलिए इतने आयोजन पा जाते हैँ बड़े कवी
,
ऐसे बुलाओ उसको काटो मैं संयोजन कर लूँगा
आयोजक का हिस्सा पक्का समझाते हैं बड़े कवी
,
चाहे जैसा आयोजन हो ज़मने की गारंटी है
खूब चुटकुले पढ़ पढ़ खुद पर इतराते हैं बड़े कवी
,
कविताये तो मात्र पांच थी एक चक्र में निपट गयी
उसके बाद झांकते बगलें मिमियाते हैं बड़े कवी
,
मानदेय हो या संस्था के नाम मिले चन्दा मुझको
कर जुगाड़ अक्सर विदेश भी हो आते हैं बड़े कवी
,
इनकी चोरी अगर पकड़ लो चरण पकड़ हो नतमस्तक
और सामने पड जाने पर खिसियाते हैं बड़े कवी
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव