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9 Jan 2024 · 1 min read

चूल्हे की रोटी

दिनाँक- 09-01-2024
🥀🥀🌻🌻🌻

चूल्हे पे मेरी माँ जो बनाती हैं रोटियाँ
सोंधी महक से मन को लुभाती हैं रोटियाँ

आँटे की लोई लेके बढ़ाती हैं प्यार से
फिर सेंकती हैं आग पे उनको दुलार से
फिर गर्म गर्म सबको खिलाती हैं रोटियाँ
सोंधी महक०——–

इस दौर में न चूल्हे न रोटी में ज़ायका
अब गैस की रोटी में नहीं वैसा फ़ायदा
होटल से अब तो बीवी मँगाती हैं रोटियाँ
सोंधी ०—

इस दौर में सब लोग यूँ लाचार हो गए
खा खा के फ़ास्ट फ़ूड को बीमार हो गए
चूल्हे की रोटी खाओ बताती हैं रोटियाँ
सोंधी महक०——

प्रीतम श्रावस्तवी

Language: Hindi
Tag: गीत
143 Views
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