** चुपचाप **
जख़्म सहते रहे जो मुहब्बत में सब चुपचाप
देश के वास्ते मुहब्बत को मिटा देंगे चुपचाप
ग़म ना करना शहादत-ए-मुहब्बत का कभी
जो कुर्बान कर दूं ये देश के वास्ते चुपचाप ।।
?मधुप बैरागी
जख़्म सहते रहे जो मुहब्बत में सब चुपचाप
देश के वास्ते मुहब्बत को मिटा देंगे चुपचाप
ग़म ना करना शहादत-ए-मुहब्बत का कभी
जो कुर्बान कर दूं ये देश के वास्ते चुपचाप ।।
?मधुप बैरागी