!! चुनौती !!
!! चुनौती !!
“चुनौतियां जीवन में अनायास भी आती हैं और इन्हें योजनाबद्ध तरीके से आमंत्रित भी किया जाता है ।
जो इन चुनौतियों से भागते हैं, पलायन करते हैं, उनका जीवन सामर्थ्यहीन, डरपोक एवं कमजोरियों से घिर जाता है ।
*वस्तुत: चुनौतियों की समुचित व्याख्या का अभाव एवं अपनी क्षमताओं का सही आकलन ना कर पाने के कारण असफलताऐं जन्म लेती है।”
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विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी