चुनावी पिचकारी
डाल रही है रंग चुनावी पिचकारी
मचा रही हुड़दंग चुनावी पिचकारी
नेताजी जी ने गरिमा छोड़ी
तिकड़म सारी तोड़ी मोड़ी
छेड़ रही है जंग चुनावी पिचकारी
कुर्सी तेरी जय जय जय हो
किसकी है लेकिन ये तय हो
घोल रही है भंग चुनावी पिचकारी
नेता भूल गये मन्दिर घर
वोटर ही अब उनके ईश्वर
देख देख है दंग चुनावी पिचकारी
तंत्र हुआ है भ्रष्टाचारी
चूक तभी करता है भारी
कुर्सी के हैं संग चुनावी पिचकारी
नेताजी चरणों में लोटें
पाने को जनता की वोटें
कैसी मस्त मलंग चुनावी पिचकारी
14-03-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद