चुनावी घनाक्षरी
चुनावी घनाक्षरी
ठक ठक ठक करे, खट खट खट करे
हाल ए इस दिल को, कौन समझाएगा
फट फट फटाफट, झक झक झकाझक
चुनावी इस रण को, कौन भेद पाएगा
धक-धक जिया करे, गिन गिन गुना करे
जोड़, तोड़, मोल, तोल, पता लग जाएगा
चार को खुलेगा राज, किसके सजेगा ताज
चूर-चूर मोतीचूर, कौन-कौन खाएगा।।
सूर्यकांत