चित्र गुप्त पूजा
पूजा कलम दवात की,यम दुतिया के साथ।
चित्रगुप्त महाराज की, जय जयकार सनाथ।
जय जयकार सनाथ, शुरू शुचि लेखा जोखा।
कर्मों की गति मान,करें मत सबसे धोखा।
कहें प्रेम कवि राय, क्लेश मत देना दूजा।
सब शिक्षा का मूल, कलम दवात की पूजा।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम