Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2020 · 1 min read

चित्रकार

06/05/2020
अपनी धुन में रमा हुआ है ।
चित्र में वो वसा हुआ है ।
जानें क्या-कया बना रहा है।
नई लकीरें खींच रहा है।।
लगता है गंभीर बहुत है ।
चारों और जंजीर बहुत है ।।
कागज पर वो उतर रहा है।
रंगो संग वो झगड़ रहा है ।।
कुछ तो उसने सोचा होगा।
कोई तो उस पर मौका होगा।।
आखिर यह क्या बना रहा है ।
रंगों से क्या चढ़ा रहा है ।।
खुद से रूठा हुआ है या फिर ।
ईश्वर को वो मना रहा है ।।
बे रंगी दुनिया को शायद।
रंग में रंगना चाहता है ।।
या फिर अपनी प्रियतमा की ।
कोई यादें उतार रहा है ।।
या फिर वह अपने ईश्वर की ।
कोई छाया बना रहा है ।।
चित्रकार है चित्रकार है ।
जानें किसका चित्र बनादे।।
भरकर रंगों को चित्र में ।
सारी दुनिया को दर्शादे।।
उसके मन की वो ही जानें।
सागर किसका चित्र बना दे।।
=======
मूल व अप्रकाशित गीत के गीतकार …
डॉ नरेश कुमार “सागर”
जिला- हापुड़, उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Comment · 323 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
क्या कहेंगे लोग
क्या कहेंगे लोग
Surinder blackpen
मित्रता
मित्रता
Shashi Mahajan
आओ गुफ्तगू करे
आओ गुफ्तगू करे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
உனக்கு என்னை
உனக்கு என்னை
Otteri Selvakumar
ख़ुदकुशी का एक तरीका बड़ा जाना पहचाना है,
ख़ुदकुशी का एक तरीका बड़ा जाना पहचाना है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
मोहब्बत मेरी जब यह जमाना जानेगा
मोहब्बत मेरी जब यह जमाना जानेगा
gurudeenverma198
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
मुझे जब भी तुम प्यार से देखती हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
3865.💐 *पूर्णिका* 💐
3865.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हवा भी कसमें खा–खा कर जफ़ायें कर ही जाती है....!
हवा भी कसमें खा–खा कर जफ़ायें कर ही जाती है....!
singh kunwar sarvendra vikram
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
जीवन साथी,,,दो शब्द ही तो है,,अगर सही इंसान से जुड़ जाए तो ज
Shweta Soni
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
यह 🤦😥😭दुःखी संसार🌐🌏🌎🗺️
डॉ० रोहित कौशिक
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
Seema Garg
प्रेम पथिक
प्रेम पथिक
Aman Kumar Holy
कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखने वाले हैं अद्भुत योगी
कर्म में अकर्म और अकर्म में कर्म देखने वाले हैं अद्भुत योगी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
शीर्षक:गुरु मेरा अभिमान
शीर्षक:गुरु मेरा अभिमान
Harminder Kaur
We just dream to  be rich
We just dream to be rich
Bhupendra Rawat
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
रुपेश कुमार
ये दुनिया
ये दुनिया
इंजी. संजय श्रीवास्तव
जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं, आपको यह एहसास होता जाता है
जैसे-जैसे आप बड़े होते जाते हैं, आपको यह एहसास होता जाता है
पूर्वार्थ
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
Dr.Pratibha Prakash
.
.
*प्रणय प्रभात*
अपने होने
अपने होने
Dr fauzia Naseem shad
मैं और मेरी तन्हाई
मैं और मेरी तन्हाई
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*वंदनीय सेना (घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद*
*वंदनीय सेना (घनाक्षरी : सिंह विलोकित छंद*
Ravi Prakash
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
दो किसान मित्र थे साथ रहते थे साथ खाते थे साथ पीते थे सुख दु
कृष्णकांत गुर्जर
" रतजगा "
Dr. Kishan tandon kranti
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
थकावट दूर करने की सबसे बड़ी दवा चेहरे पर खिली मुस्कुराहट है।
Rj Anand Prajapati
एक अलग ही दुनिया
एक अलग ही दुनिया
Sangeeta Beniwal
Loading...