चिड़िया रानी
चिड़िया चूंँ-चूँ कर गाती हैं,
सुबह चहक कर जगाती हैं ,
पंख फैलाकर फुर्र हो जाती ,
है नन्ही-सी पर हाथ नहीं आती ,
घास-फूस चोंच में है लाती ,
छोटा-सा घोंसला फिर है बनाती ,
बच्चों अंडों को वहांँ है रखती ,
दाना चुगने उड़ है जाती ,
चोंच में अपने दाना भर लाती,
प्यार से बच्चों को दाना है खिलाती ,
चिड़िया रानी छोटी सी होकर भी ,
कितनी सयानी नजर है आती ।
✍🏼
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर ।