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23 Sep 2024 · 1 min read

चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,

चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
छिपी जिसमें कहीं-न-कहीं साथी की चाह है!
त्याग, विश्वास व समर्पण बहुत बड़ा हथियार है,
इससे ही सुदृढ़ हो पाता एक सुंदर सा परिवार है!

…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 23 Views
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