चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
छिपी जिसमें कहीं-न-कहीं साथी की चाह है!
त्याग, विश्वास व समर्पण बहुत बड़ा हथियार है,
इससे ही सुदृढ़ हो पाता एक सुंदर सा परिवार है!
…. अजित कर्ण ✍️
चिंता, फ़िक्र, कद्र और परवाह यही तो प्यार है,
छिपी जिसमें कहीं-न-कहीं साथी की चाह है!
त्याग, विश्वास व समर्पण बहुत बड़ा हथियार है,
इससे ही सुदृढ़ हो पाता एक सुंदर सा परिवार है!
…. अजित कर्ण ✍️