Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2024 · 1 min read

चाहे हमें तुम कुछ भी समझो

चाहे हमें तुम कुछ भी समझो, मगर दिल हमारा पापी नहीं।
चाहे हमें तुम बदनाम करो, मगर प्यार हमारा झूठा नहीं।।
चाहे हमें तुम कुछ भी—————————–।।

जैसा कि तुमने कहा जो हमसे, रजा वह तुम्हारी पूरी की हमने।
सोचो जरा तुम हमको बताओ, खुशी कब तुमको नहीं दी हमने।।
हालांकि तुम हमसे बहुत लड़े, हिकारत मगर तुमसे रही नहीं।
चाहे हमें तुम कुछ भी—————————-।।

अगर तुमसे होती नफरत हमको, करीब ऐसे हम होते नहीं।
इतने दिनों बाद याद न करते, पसंद गर हमको तुम होते नहीं।।
करते थे चाहे औरों की तारीफ, मगर दिल उन्हें चाहता नहीं।
चाहे हमें तुम कुछ भी—————————।।

हमने तो तेरे ही सपनें सँजोये थे, हमने तो मंजिल माना था तुमको।
फूल तुम्हें हमने दिल का समझकर, मोहब्बत से सींचा था तुमको।।
हालांकि तुमसे हसीं बहुत यहाँ है, मगर खुशी उनको कहते नहीं।
चाहे हमें तुम कुछ भी—————————–।।

अगर प्यार तुमसे सच्चा न होता, लिखते नहीं ऐसे खत हम तुमको।
सितारों से तुमको यूँ न सजाते, मिलते नहीं कभी ऐसे हम तुमको।।
चाहे कितना भी शक हमपे करो, मगर बेवफा हम तुमसे नहीं।
चाहे हमें तुम कुछ——————————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
38 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
जब तक बांकी मेरे हृदय की एक भी सांस है।
Rj Anand Prajapati
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
रूप मधुर ऋतुराज का, अंग माधवी - गंध।
डॉ.सीमा अग्रवाल
वफ़ाओं ने मुझे लूट लिया,
वफ़ाओं ने मुझे लूट लिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माँ ऐसा वर ढूंँढना
माँ ऐसा वर ढूंँढना
Pratibha Pandey
अकेले चलने की तो ठानी थी
अकेले चलने की तो ठानी थी
Dr.Kumari Sandhya
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
वर्तमान युद्ध परिदृश्य एवं विश्व शांति तथा स्वतंत्र सह-अस्तित्व पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
🥀प्रेम 🥀
🥀प्रेम 🥀
Swara Kumari arya
"उल्लू"
Dr. Kishan tandon kranti
मईया का ध्यान लगा
मईया का ध्यान लगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे
तेरे मन मंदिर में जगह बनाऊं मै कैसे
Ram Krishan Rastogi
हुआ है इश्क जब से मैं दिवानी हो गई हूँ
हुआ है इश्क जब से मैं दिवानी हो गई हूँ
Dr Archana Gupta
3088.*पूर्णिका*
3088.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
Paras Nath Jha
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
शिव सुंदर तुं सबसे है 🌧
शिव सुंदर तुं सबसे है 🌧
©️ दामिनी नारायण सिंह
निराकार परब्रह्म
निराकार परब्रह्म
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
माँ तेरे दर्शन की अँखिया ये प्यासी है
Basant Bhagawan Roy
हारता वो है
हारता वो है
नेताम आर सी
जो संस्कार अपने क़ानून तोड़ देते है,
जो संस्कार अपने क़ानून तोड़ देते है,
शेखर सिंह
*चार दिवस मेले में घूमे, फिर वापस घर जाना (गीत)*
*चार दिवस मेले में घूमे, फिर वापस घर जाना (गीत)*
Ravi Prakash
ज़िंदगी भर की हिफ़ाज़त की क़सम खाते हुए
ज़िंदगी भर की हिफ़ाज़त की क़सम खाते हुए
पूर्वार्थ
**कहीं कोई कली खिलती बहारों की**
**कहीं कोई कली खिलती बहारों की**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
रुपेश कुमार
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
Shweta Soni
आयेगी मौत जब
आयेगी मौत जब
Dr fauzia Naseem shad
4) “एक और मौक़ा”
4) “एक और मौक़ा”
Sapna Arora
सरल भाषा में ग़ज़लें लिखना सीखे- राना लिधौरी
सरल भाषा में ग़ज़लें लिखना सीखे- राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आओ गुफ्तगू करे
आओ गुफ्तगू करे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
मैं लोगों की तरह चांद तारे तोड़ कर तो नही ला सकता लेकिन तुम
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...