चाहे जितने हो खूबसूरत
रोशन हो गैर जिससे वो शमा जलाता कौन है
अगर हो गम बेपनाह फिर मुस्कराता कौन है
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बेगैरत और बेअदब ,जो जीते हों अपने लिये
चाहे जितने हो खूबसूरत गले लगाता कौन है
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कपिल कुमार
07/10/2016