चाहत
मेरी रचनाओं को आप सा पाठक चाहिए
गलतियां बताने वाला एक आलोचक चाहिए
त्रुटियों को समझने और समझाने वाला चाहिए
मुझे आप जैसा ही एक विचारक चाहिए
मेरा हाथ थामने वाला एक सच्चा मीत चाहिए
साहित्य की डगर पर एक सुधारक चाहिए
अभी तक जो मिले अच्छे मिले सच्चे मिले
और भी बहुत से आप जैसे पाठक चाहिए
धन्यवाद सभी हितैषियों को
वीर कुमार जैन
06 जुलाई 2021