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16 Nov 2019 · 1 min read

चाहता हूं मैं

कि फिर यादों की बस्ती में
जाना चाहता हूं मैं
बहुत भटका हूं अब लेकिन
ठिकाना चाहता हूं मैं
कभी हंसने का वादा था किया
मैंने मुकद्दर से
मरकर भी वही वादा
निभाना चाहता हूं मैं
उसको सिर्फ यही एक बात
बताना चाहता हूं मैं
अपनी बातें अपने एहसास
जताना चाहता हूं मैं
कि मेरी नींद, मेरी चैन
जिस सूरत ने लूटी है
उसे ख्वाबों में जाकर के
सताना चाहता हूं मैं

विक्रम कुमार

Language: Hindi
2 Likes · 221 Views
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