चालाक क्रोध
कुण्डलिया
विषय——चालाक क्रोध
करता जब हमसे बली , हमपर अत्याचार
साथ न देता क्रोध तब , दिखते हैं करतार
दिखते हैं करतार , मगर तब भागे संयम
जब दुश्मन की शक्ति , से तनिक आगे हैं हम
प्रभु तब जाते भूल , भूल जाती है नरता
कर बैरी को नष्ट , क्रोध में यूँ मन करता
अवध किशोर ‘ अवधू’
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