चार हाइकु – “वह रूपसी”
चार हाइकु – “वह रूपसी”
वह रूपसी l
सुनहरी धूप सी l
पर स्वप्न सी l ..१
वह रूपसी l
जीवन में है बसी l
आत्मा है प्यासी l .. २
वह रूपसी l
बस दिल में धसी l
कई कील सी l … ३
वह रूपसी l
मधुर मुस्कान सी l
जीवन ख़ुशी l ,,, ४
अरविन्द व्यास ” प्यास “