चाय-समौसा (हास्य)
चाय-समौसा (हास्य)
रोष समौसे में भरा, बोला सुन ले पनीर।
तीन टाँग का जो कहा, सीना दूँगा चीर।।
चाय उबल कर कह गयी, सबसे अपनी पीर।
संग समौसे तल गयी, आलू की तकदीर।।
©दुष्यन्त ‘बाबा’
चाय-समौसा (हास्य)
रोष समौसे में भरा, बोला सुन ले पनीर।
तीन टाँग का जो कहा, सीना दूँगा चीर।।
चाय उबल कर कह गयी, सबसे अपनी पीर।
संग समौसे तल गयी, आलू की तकदीर।।
©दुष्यन्त ‘बाबा’